अग्नि से अगन,नदी से धार माँगते युवा,
हो चुका बचाव,अब प्रहार माँगते युवा।
धैर्य धर्म धर चुके,कर चुके कर-याचना,
कर चुके कटाक्ष,कष्ट,कण्टकों का सामना,
दब रही पुकार तो हुंकार माँगते युवा।
हो चुका बचाव अब प्रहार माँगते युवा।
एक पंथ,एक राह,एक लक्ष्य,एक मन,
अब नहीं रहा ये प्रश्न-ए-जीवनमरण
मोङ पर विचार कर पुकार माँगते युवा।
हो चुका बचाव अब प्रहार माँगते युवा।
बाहुबल मनस पटल सभी तरह समर्थ हैं
आज के युवा अबूझ गुत्थियों के अर्थ हैं,
एक है 'रूपक' यहाँ, हज़ार माँगते युवा....
अग्नि से अगन,नदी से धार माँगते युवा,
हो चुका बचाव अब प्रहार माँगते युवा।
'रूपक'
हो चुका बचाव,अब प्रहार माँगते युवा।
धैर्य धर्म धर चुके,कर चुके कर-याचना,
कर चुके कटाक्ष,कष्ट,कण्टकों का सामना,
दब रही पुकार तो हुंकार माँगते युवा।
हो चुका बचाव अब प्रहार माँगते युवा।
एक पंथ,एक राह,एक लक्ष्य,एक मन,
अब नहीं रहा ये प्रश्न-ए-जीवनमरण
मोङ पर विचार कर पुकार माँगते युवा।
हो चुका बचाव अब प्रहार माँगते युवा।
बाहुबल मनस पटल सभी तरह समर्थ हैं
आज के युवा अबूझ गुत्थियों के अर्थ हैं,
एक है 'रूपक' यहाँ, हज़ार माँगते युवा....
अग्नि से अगन,नदी से धार माँगते युवा,
हो चुका बचाव अब प्रहार माँगते युवा।
'रूपक'
Comments
The language of your story is very good .. It throws me to feel the same ambiance as there in story .. I am eager to know what happened to "Bahadur".. Please post the next part ..
Thanks in advance
vivek sengar
Keep it up..!!