मुश्किल बङा कहना है,कुछ अलहदा कहना है,
सहना हज़ारों फिकरे ,फिर फिक्र क्या,कहना है।
अनजान राहें चुनकर,'जाना कहाँ' 'बोलोगे?
बोलो बनोगे पागल ? दुनिया को 'ना' बोलोगे??
खामोशियाँ सुनना है,तन्हाईयाँ चुनना है,
बुनना सजीले सपने,और भीङ में गुमना है,
घर न जहाँ हो उसको 'अपना ज़हाँ 'बोलोगे?
बोलो बनोगे पागल ? दुनिया को 'ना' बोलोगे??
जो सोच से बाहर हो,सर्वोच्च से ऊपर हो,
बढकर हर एक अचरज से,हर मोह से सुंदर हो,
ऐसी किसी दुनिया का,'मैं मुस्तफा' बोलोगे?
बोलो बनोगे पागल ? दुनिया को 'ना' बोलोगे??
वो जो गया दुत्कारा,जो हो गया आवारा,
मारा गया जो बेदम,जो चुप खङा बेचारा,
ऐसे किसी दोषी को 'रुपक''भला' बोलोगे?
बोलो बनोगे पागल ? दुनिया को 'ना' बोलोगे??
रूपेश पाण्डेय 'रूपक'
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