कानों में अनवरत पटाखे,
आँखें ताक रहीं थीं भीति,
एक दीवाली ऐसी बीती।
कुछ तो हो-कुछ तो हो,कहकर,
मन तो उछल रहा था बल्ली,
अरमानों को पंख लगे थे ,
कदमों की थी गति पुछल्ली।
अल्हङपन अधमरा रह गया,
अब के मायूसी ही जीती;
एक दीवाली ऐसी बीती।
कंधों के बाज़ार हो गयी,
जब से बेफिक्री की बिक्री,
तब से हम बस सत्य ढो रहे,
हम पर लागू नहीं सिरफिरी,
हर एक 'वर्क' का 'तर्क' करेंगे,
कहो,भला क्या गरज पङी थी?
एक दीवाली ऐसी बीती।
सरल,सहज,संवेदनशाली,
चेहरे चढे मुखौटों वाली,
मसले मसल-मसल करके,
नस्ल-ए-नासूर बनाने वाली,
अब के दीवाली की सूरत,
समाकलन में घुसी ज्यामिती,
एक दीवाली ऐसी बीती।
सुन-सुन कर अब सुन्न हो गये,
सारे साल पटाखे छूटे,
हाथ कान से हटें तभी तो,
हाथ-हाथ के अंकुर फूटें,
भयाक्रांत,संभ्रांत बन गये,
प्रतिक्रियाएं बनी कुरीति;
एक दीवाली ऐसी बीती।
एक चमक चमचम सी मीठी,
एक रोशनी-लङियों सी,
एक चमक है चमत्कार की,
चंचल गुड्डे गुङियों सी,
घङी ताकते भोर हुई,
और एक चमक 'रुपक' की थी,
एक दीवाली ऐसी बीती।
कानों में प्रतिध्वनि रात की,
आँखें फिरसे हुईं उनींदी ,
एक दीवाली ऐसी बीती।
'रुपक'
आँखें ताक रहीं थीं भीति,
एक दीवाली ऐसी बीती।
कुछ तो हो-कुछ तो हो,कहकर,
मन तो उछल रहा था बल्ली,
अरमानों को पंख लगे थे ,
कदमों की थी गति पुछल्ली।
अल्हङपन अधमरा रह गया,
अब के मायूसी ही जीती;
एक दीवाली ऐसी बीती।
कंधों के बाज़ार हो गयी,
जब से बेफिक्री की बिक्री,
तब से हम बस सत्य ढो रहे,
हम पर लागू नहीं सिरफिरी,
हर एक 'वर्क' का 'तर्क' करेंगे,
कहो,भला क्या गरज पङी थी?
एक दीवाली ऐसी बीती।
सरल,सहज,संवेदनशाली,
चेहरे चढे मुखौटों वाली,
मसले मसल-मसल करके,
नस्ल-ए-नासूर बनाने वाली,
अब के दीवाली की सूरत,
समाकलन में घुसी ज्यामिती,
एक दीवाली ऐसी बीती।
सुन-सुन कर अब सुन्न हो गये,
सारे साल पटाखे छूटे,
हाथ कान से हटें तभी तो,
हाथ-हाथ के अंकुर फूटें,
भयाक्रांत,संभ्रांत बन गये,
प्रतिक्रियाएं बनी कुरीति;
एक दीवाली ऐसी बीती।
एक चमक चमचम सी मीठी,
एक रोशनी-लङियों सी,
एक चमक है चमत्कार की,
चंचल गुड्डे गुङियों सी,
घङी ताकते भोर हुई,
और एक चमक 'रुपक' की थी,
एक दीवाली ऐसी बीती।
कानों में प्रतिध्वनि रात की,
आँखें फिरसे हुईं उनींदी ,
एक दीवाली ऐसी बीती।
'रुपक'
Comments
दीपावली की बधाई.
narayan narayan
आग लगाते पैसे में ही जुआ की भी बढ़ी कुरीति।
एक दिवाली ऐसी बीती
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
neem ka ped.. full nazm is there on my blog.