उनका रुधिर उबलता होगा?


करतल ध्वनि, ललायित चेहरे, मनस पटल पर चलता होगा,
जो इतिहास मिटाते लिखते, उनका रुधिर उबलता होगा?


क्या विक्षुब्ध न होते होंगे? भाग्य-भाग्य न रोते होंगे?
या फिर देन ईश की कह दूँ, वो विशेष ही होते होंगे,
किस टकसाल ढले ? किस धातु ? जिनका सिक्का चलता होगा,
जो इतिहास मिटाते लिखते, उनका रुधिर उबलता होगा?


अवरोही अवलोकन कर्ता,करता चित्र शिखर संदर्भित ,
कैसे मानूँ उसी कथा को, जिसका सारगर्भ ही गर्वित;
अर्पित कर दूँ तर्क मैं; ताकि न प्रतिमान हो किंचित विचलित,
या कुतर्क में झोंक रहा हूँ, सत्य न हो जिससे परिलक्षित,
"निर्विचार" कर फिर विचार, क्या उदर कण्ठ तक जलता होगा ?
जो इतिहास मिटाते लिखते, उनका रुधिर उबलता होगा?


नहीं जपूँगा तेरी माला , क्यूँ पदचिह्न चलूँ तेरे,
क्या ये सब इसलिये किया था ताकि क्लोन बनें तेरे,
मुझे अँधेरे में रहने दो, कहने दो हत-उत्साहित,
क्या उत्साह है गाने में पर-शौर्य कथा होकर विक्षिप्त,
मुझसे न सँभले तेरा यश, तुझसे कहाँ सँभलता होगा।
जो इतिहास मिटाते लिखते, उनका रुधिर उबलता होगा?


तुम मुझसे 'यलग़ार' न कहना, तार-तार उत्तर दूँगा,
कीर्तिमान हो़! तू महान हो! मैं प्रचार भर कर दूँगा,
भर दूँगा मैं कान उन्हीं के, जीत तुम्हारी जीते जो,
मैं नैपथ्य करूँ पुरुषार्थ,वो करतल मुदित भले न हो,


पथ,प्रशस्त, आश्वस्त न होगा, 'रुपक' जिस पर चलता होगा,
जो इतिहास मिटाते लिखते, उनका रुधिर उबलता होगा?

'रुपक'

Comments

Rajneesh Shukla said…
Eellent...Vry well writeen in "aoj" ras.
सच में खून में उबाल आने लगता है....
शहीदों को शत् शत् नमन......
आज सुबह से ही मैं पानी पानी हूँ...मुझे इस विशेष दिन की याद ही नहीं थी........
.....
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विश्व जल दिवस....नंगा नहायेगा क्या...और निचोड़ेगा क्या ?
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से....
http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_22.html
कमाल है ! बहुत सुन्दर !!
Rupesh Pandey said…
Abhijit ji, Krishna Muaari ji evam Rajneesh , Protsaahan ke liye bahut-2 dhanyawaad! Aapkle blogposts padhe sarahneey karya hai !
sleepingghost said…
malik, jis din ke upar likha hai bahut hi accha likha hai...kaash yeh rachna woh padh paate jinke liye pradarshit hui hai. Ek baar phir se nisankoch tareeke se "Clone" ko angrezi se uthaya hai, aisa lagta hi nahi hai padh ke ki sirf hindi vishesh ki rachna hai. Adaptability aapmein utkrusht hai. Waise to poori kavita hi bahut acchi bani hai par "nahi japunga teri maala, kyun padchinha chalu tere" wali line bahut acchi hai..
Rupesh Pandey said…
Ahobhagya! aapse tarif sunna Fardeen khan se acting karane jaisa kathin kary hai; ab lagta hai Fardeen bhi acting seekh hi lega :-)