मुश्किल,हुई मुश्किल,हुई मुश्किल


जज़्बाती बुलबुला गया, नाहक ही चुलबुला गया,
कहने को तिलमिला गया ये दिल,
मुश्किल,हुई मुश्किल,हुई मुश्किल।

उस ओट में उजास थी , जहाँ अनमनी उबास थी,
बिंदास बदहवास बेमंज़िल,
मुश्किल,हुई मुश्किल,हुई मुश्किल।

चंपाकली के गाँव के गुलशन में हैं ग़ुलाब,
तेज़ाब आब हो गई, पानी हुआ शराब,
जुही चाँदनी में जल गई, सूरज में गई खिल,
मुश्किल,हुई मुश्किल,हुई मुश्किल।

अरमान धूप में पङे,छत पर सुखाते बाल,
मुँह तल्ख़ियों के है दही,ख़्वाहिश बनी कव्वाल,
सब टाँट गाँठ बाँध के जुमला दिया उछाल,
गंभीर,गूढ मंत्रणा,बनवा रही है WILL,
मुश्किल,हुई मुश्किल,हुई मुश्किल।

बत्तिस तरह के टोटके,छत्तिस तरह के डर,
आये न वक़्त लौट के ,चौंतिस दफा़ फ़िकर,
बाइस छटाक के बचे,आधी बची उमर,
चौबीस घण्टियाँ रहे, पच्चीस की कसर,
ताने पचास बार के , सत्रह दफा़ VIGIL,
मुश्किल,हुई मुश्किल,हुई मुश्किल।

रद्दोबदल के दौर,बिछाते हुये लपेट,
जल्दी समेट फ़लसफे़ सब हो रहे हैं लेट,
आये ज़माने TWEET के, पकङे है तू सलेट,
वो पेट पेट ही नहीं जिसकी शकल न NET,
झकलेट! फिर भी आ गया,अनुबंध की चपेट,
'रुपक' हुआ बुरा,लिया चुरा,किया जटिल,
मुश्किल,हुई मुश्किल,हुई मुश्किल।

जज़्बाती बुलबुला गया, नाहक ही चुलबुला गया,
कहने को तिलमिला गया ये दिल,
मुश्किल,हुई मुश्किल,हुई मुश्किल।
'रुपक'

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