लौटी न ललकार गुरुत्वाकर्षण कम है


लौटी न ललकार गुरुत्वाकर्षण कम है,
चिल्लाहट बेकार गुरुत्वाकर्षण कम है,
रूखा-रूखा बासी-बासी,उतरी जैसे फोटो कॉपी,
अलसभोर का ख़्वाब बहुत बूढा बेदम है,
लौटी न ललकार गुरुत्वाकर्षण कम है,
जब वो तुच्छ हुआ करता था,
कुछ ना कुच्छ हुआ करता था,
बदहवास सा क्षितिज़ पकङने,
नंगे पाँव भगा करता था
रूधिर बना तालाब गये शैवाल से जम हैं
लौटी न ललकार गुरुत्वाकर्षण कम है,
सुप्त बुलबुले स्वप्न गगन में लुप्त हो गये
अमल आज के आज,त्वरित आश्वस्त हो गये;
हर दिन था जो खिन्न हाथ उसके परचम है
लौटी न ललकार गुरुत्वाकर्षण कम है,
क्या अलब्ध है स्वर्ग?अलाभित श्रेयस्कर है?
या उपेक्षा मंत्र,समालोचन उत्तर है,
'रुपक' तथ्य ,प्रमेय,सूत्र ये सारे भ्रम हैं
लौटी न ललकार गुरुत्वाकर्षण कम है 
चिल्लाहट बेकार गुरुत्वाकर्षण कम है
रुपक

Comments

Rajneesh Shukla said…
Gravity is a very important to maintain. Tumhe yaad hai "Panee gaye na ubare motee manus choon"
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| धन्यवाद|